विषय- संस्कृति हमारी
विधा- पद्य
सबसे प्यारी सबसे अनोखी
संस्कृति हमारी सबसे चोखी..
मन अरु मान सदा रहे सबका
नेहत्व भावपूरित इंसान रब का..
शीश झुकाना ही हमें सिखाये
प्रत्येक जीव से प्रेम करे बताये..
सौहार्दपूर्ण सब व्यवहार करें
दानदया का भाव आधार करें..
मृदुभाषिक और सहनशील हों
संस्कृति संस्कार गतिशील हों..
सब समान ईश्वर की संतानें
नमस्ते गुण संस्कृति से जाने..
आयुर्वेद है पहचान हमारी
योग साधना साधु उपकारी..
संस्कृति से ईश्वर पहचाना
अद्भुत शक्ति साथ है जाना..
विपत्ति मे सहयोग भाव हो
संयुक्त राष्ट्र सुख का गाँव हो..
अपनापन-आदर-समता-पाया
तन-मन भी संस्कृति से सजाया..
#अनामिका_वैश्य_आईना
#लखनऊ
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