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Wednesday, March 17, 2021

RS-CIT CHAPTER - 5

 मेहरा कंप्यूटर एजुकेशन सेंटर, रायसिंह नगर 

RSCIT COMPUTER COURSE 

CHAPTER : 5 डिजिटल भुगतान और प्लेटफार्म

ऑनलाइन बैंकिंग :- यह एक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है जिसमें बैंक अपनी वेबसाइट की सहायता से ऑनलाइन लेन-देन करने की सुविधा प्रधान करता है. इसके निम्नलिखित अन्य नाम भी है :- 

·       इन्टरनेट बैंकिंग

·       ई- बैंकिंग

·       नेट बैंकिंग

ऑनलाइन बैंकिंग के लाभ :-

·       कहीं भी, किसी भी समय बैंकिंग (24*7)

·       लेन-देन पर कम लागत

·       समय की बचत

·       बहुत सुरक्षित

·       पैसे तुरंत व सही जगह ट्रान्सफर

·       यूटिलिटीज (बिजली व पानी) के बिल भरना

ऑनलाइन बैंकिंग के माध्यम से सेवाएं

·       आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से बैंक खाता खोलना

·       शेष राशी देखना

·       किसी अन्य के खाते में पैसा भेजना

·       फिक्स्ड डिपाजिट व अन्य निवेश करना

·       यूटिलिटीज बिल भरना

·       चेक बुक या डिमांड ड्राफ्ट घर बैठे आर्डर करना

खाता खोले जाने की प्रक्रिया

·       सबसे पहले तो हम खाता खोलना कौनसा है यह तय करेंगे अथार्त बचत खाता खोलना है या चालू खाता या आवर्ती खाता. तय करने के बाद हम नजदीकी बैंक में जा कर खाता खोल सकते है.

·       जन-धन खाता :- जन-धन खाता खोलने की शुरुआत अगस्त 2014 में हुई.

·       आवश्यक दस्तावेज :-

·       आधार कार्ड है तो अन्य दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं

·       यदि आधार कार्ड नहीं है तो पैन कार्ड/ ड्राइविंग लाइसेंस/ मतदाता पहचान पत्र / पासपोर्ट आदि में से कोई एक दस्तावेज़ होना आवश्यक है.

·       यदि किसी व्यक्ति के पास उपर वाले कोई भी दस्तावेज़ नहीं है तो केन्द्रीय व राज्य विभागों, वैधानिक प्राधिकरण, और अनुसूचित बैंकों के द्वारा आवेदक की तस्वीर के साथ जारी पहचान पत्र लगा सकते है.

2. ऑनलाइन/डिजिटल भुगतान की पध्दतियां व प्लेटफ़ॉर्म

·       क्रेडिट कार्ड :- क्रेडिट कार्ड 16 अंकों का कोड होता है तथा इसमें CVV कोड 3 अंकों का होता है जो कार्ड के पीछे अंकित होता है. जैसे शोपिंग कार्ड आदि

·       डेबिट कार्ड :- डेबिट कार्ड भी 16 अंकों का होता है तथा इसमें CVV कोड 3 अंकों का होता है.

·       रुपे कार्ड :- यह भारत के राष्ट्रिय भुगतान निगम (NPCI – National Payment Corporation of India) द्वारा बनाया गया है. यह भारतीय कार्ड है.

·       नोट :- उपरोक्त सभी कार्ड से पेमेंट करने से पहले OTP – आता है.  

·       नेट बैंकिंग भुगतान :- जिस बैंक की नेट बैंकिंग सेवा ली हुई है उसी बैंक कि वेबसाइट पर लॉग इन करके लेन-देन कर सकते है.

·       नोट :- याद रहे कि डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, रुपए कार्ड और नेट बैंकिंग से लेन-देन करने के लिए हमेशा HTTPS प्रोटोकॉल वाली वेबसाइट का ही प्रयोग करें. क्योकि यह अत्यधिक सुरक्षित होती है.

·       HTTPS :- इसमें S का मतलब “Secure” होता है.

·       POS :- Point of Sale के द्वारा हम डेबिट कार्ड व क्रेडिट कार्ड से भी लेन-देन कर सकते है.

मोबाइल से भुगतान करना

·       मोबाइल डिजिटल वॉलेट:- आज कल मोबाइल से पेमेंट करना बहुत आसान हो गया है

o   Paytm :- Paytm एक डिजिटल वॉलेट का ही उदाहरण है. मोबाइल रिचार्ज, बिल भरना आदि सुविधाएँ उपलब्ध होती है

o   फ्रीचार्ज:- यह भी Paytm की तरह ही डिजिटल वॉलेट है

o   State Bank Buddy :- यह भी एक डिजिटल वॉलेट है.

·       UPI (यूनिफाइड पेमेंट Interface) :- इससे हम सीधा बैंक से पैसा भुगतान कर सकते है. (NPCI :- National Payment Corporation of India) द्वारा विकसित है.

·       BHIM (भारत इंटरफ़ेस फॉर मनी) :- मोबाइल पर सीधे बैंक से भुगतान करने के लिए इसका खाते का प्रयोग किया जाता है.

·       USSD:- (Unstractured Supplementary Service Data) में मोबाइल से *99# डायल करके हम मिनी स्टेटमेंट, पैसे भेजना आदि कार्य कर सकते है.

AEPS (Aadhaar Enabled Payment System):- केवल आधार कार्ड ले जाकर भी ई-मित्र पर पैसे निकाल व जमा कर सकते है.

Google Pay App :- वर्तमान में मोबाइल से भुगतान व पैसे प्राप्त करने का सबसे ज्यादा सुरक्षित एप्लीकेशन Google Pay App है.

Monday, March 15, 2021

RSCIT CHAPTER - 4

मेहरा कंप्यूटर एजुकेशन सेंटर, रायसिंह नगर 

RSCIT COMPUTER COURSE 

CHAPTER : 4 इन्टरनेट का परिचय

इन्टरनेट क्या है? :-

·        इन्टरनेट सुचना का सुपर हाईवे है.

·        इन्टरनेट नेटवर्कों का नेटवर्क है.

·        विश्वव्यापी नेटवर्क है

इन्टरनेट को एक्सेस कैसे करें?

·        ISP:- Internet Service Provider :- जहाँ से इन्टरनेट सेवा ले सकते है जैसे BSNL का नेट लेने के लिए BSNL ऑफिस जाना होता है.

·        मॉडेम : Modulater – Demodulater

·        Modulater (एनालॉग डाटा को डिजिटल डाटा में बदलता है) व Demodulater (डिजिटल डाटा को एनालॉग में बदलता है )

·        PC:- पर्सनल कंप्यूटर भी होना चाहिए इन्टरनेट एक्सेस करने के लिए

·        Browser : इन्टरनेट को चलाने के लिए एक एप्लीकेशन प्रोग्राम ब्राउज़र की आवश्यकता होती है.

इन्टरनेट कनेक्टिविटी के प्रकार :-

·        डायल-अप :- धीमी गति का इन्टरनेट

·        ब्रोड्बैंड :- यह ISP के रूप में भी कार्य करता है. 

·        WIFI :- (Wireless Fidelity) यह बिना तार के इन्टरनेट कनेक्शन प्रधान करता है.

·        DSL :- Digital Subscriber Line के इस्तेमाल से कार्य करता है. लैंडलाइन फ़ोन की आवश्यकता नहीं पड़ती.

·        केबल :- छत पर लगा एक इंट्रानेट कनेक्शन जैसे Dish TV, DTH

·        उपग्रह :- सर्वाधिक स्पीड से काम करने वाला इन्टरनेट

·        मोबाइल : मोबाइल में कोनेंक्ट होने वाले इन्टरनेट कनेक्शन

इंट्रानेट व इन्टरनेट में अन्तर

·     इंट्रानेट एक निजी नेटवर्क है जबकि इन्टरनेट एक विश्वव्यापी नेटवर्क है

एक वेबसाइट खोलना :-

·     WWW :- यह एक ओपन सोर्स इनफार्मेशन स्पेस है, जहाँ डाक्यूमेंट्स एवं बाकी वेब रिसोर्सेज को उसके URL के द्वारा पहचाना जाता है.

·     वेबसाइट :- यह वेबपेज के समूह से मिलकर बने होते है.

·     URL :- Uniform Resource Locater यह एड्रेसबार में लगाया जाता है

http://www.google.com/index.php

http:// :- यह प्रोटोकॉल है

www :- यह Sub Domen है

google :- यह डोमेन नाम है

index.php :- यह फाइल का पाथ है.

·     DNS:- Domen Name System यह domen नामों का पता लगता है तथा उनका अनुवाद इन्टरनेट एड्रेस प्रोटोकॉल में करता है

·     वेब ब्राउज़र :- यह एक एप्लीकेशन प्रोग्राम है जैसे – इन्टरनेट एक्स्प्लोरर, गूगल क्रोम, नेट्स्केप नेविगेटर, ओपेरा मिनी, मोज़िला फायरफॉक्स आदि

·     नोट : - IP(इन्टरनेट प्रोटोकॉल) उदाहरण- 198.105.222.5 आदि

·     HTML :-  Hyper Text Markup Language (वेबपेज बनाने हेतु प्रयोग होता है)

·     HTTPs  :- Hyper Text Transfer Protocol (S= Secure)

·     HTTPS से शुरू होने वाली वेबसाइट पूर्णतया सुरक्षित होती है

·     सर्च इंजन :- यह एक सॉफ्टवेर है जो www से सम्बन्धित सूचनाओं को खोजने का कार्य करता है:- यह निम्नलिखित प्रक्रिया को संभालता है-

o   वेब क्रालिंग / वेब स्पाइडर :- सर्च इंजन इसका प्रयोग वेब कंटेंट को अपडेट करने में करता है.

o   इंडेक्सिंग :- यह खोजी गयी सूचना को शीघ्र खोजने में सहायता करता है.

o   सर्चिंग

o   सर्च इंजन के उदाहरण :- Yahoo, Google, Bing, Lycos, Ask.com, OLX

·        विकिपीडिया :- यह एक फ्री विश्वकोश (इनसाइक्लोपीडिया) है. विकी एक सहयोगी वेबसाइट है. जो विश्व के हर एक टॉपिक पर डाटा अपलोड व एडिट कर सकते है.

·        ईमेल :- इसे इलेक्ट्रॉनिक मेल कहते है.

·        उदाहरण :- sukhchain@gmail.com . यहाँ @ से पहले का भाग “sukhchain” मेलबॉक्स का नाम होता है और @ बाद का स्थान “gmail.com” कंपनी का डोमेन नाम होता है.

·        BCC:- ब्लाइंड कार्बन कॉपी (एक से अधिक जनों को मेल भेजने में काम आता है, लेकिन एक दुसरे को पता नहीं चलता कि यह मेल किस किस को भेजा है

·        CC :- कार्बन कॉपी  (एक से अधिक जनों को मेल भेजने में काम आता है, इसमें पता चल जाता है कि मेल किन किन को भेजा गया है)

·        विशेष फोल्डर :-

o   कंपोज़ :- यह मेल भेजने के लिए कंपोज़ बटन पर क्लिक करते है.

o   इनबॉक्स :- प्राप्त या आने वाले मेल

o   Sent बॉक्स :- भेजे जाने वाले मेल

o   ड्राफ्ट बॉक्स :- जो मेल कारणवश नहीं पहुँच पाते व अधूरे मेल इसमें दिखाई देते है

o   ट्रैश :- डिलीट किये गये मेल 30 दिन तक इसमें दिखाई देते है.

·        उपयोगी वेबसाइट

o   राज्य पोर्टल, राजस्थान सरकार :- https://www.rajasthan.gov.in

§  इसमें राजस्थान सरकार की विभिन्न सूचनाएं व सुविधाएँ उपलब्ध होती है.

o   RPSC वेबसाइट :- https://rpsc.rajasthan.gov.in

o   RTE :-  Right to Education निजी विद्यालयों 25% आरक्षित सीट http://rte.raj.nic.in/Home/PrivateSchoolPortal.aspx

 
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